एक युवती एक बूढ़े चाचा को बहकाती है जो बेहद दृढ़ है

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    आपके रहने के घर में हमेशा शांति बनी रहती थी, दिन-ब-दिन केवल बुजुर्ग लोग ही होते थे। फिर एक दिन, सामने वाले घर में नए लोग आ गए — एक युवा लड़की, उम्र लगभग बीस, पतली काया, गुलाबी रंगत और सुंदर, मासूम चेहरे के साथ, लेकिन उसकी आँखों में एक चंचलता छिपी हुई थी जिसे नजरअंदाज करना मुश्किल था।
    शुरू में ये केवल औपचारिक अभिवादन थे, वह हमेशा उसे 'चाचा' कहती थी, लेकिन उसकी बातें कभी साधारण नहीं होती थीं। उसका मीठा स्वर और उसकी आँखें हर बार उसके चेहरे से लेकर उसके मांसल बाहों तक लहराती थीं जब वह बाग में पेड़ पर पानी डालता था। हर दिन, वह 'अनजाने' में अधिक बार दिखने लगी: कभी वह पतली नींद की ड्रेस पहनकर उधार मार्ग पर दौड़ती, कभी वह बाग में पेड़ को पानी डालते हुए अपनी लुभावनी लेस वाले अंडरवियर के किनारे को दिखाते हुए बैठती।
    एक युवती एक बूढ़े चाचा को बहकाती है जो बेहद दृढ़ है