जवाँ और सुन्दर दाई, जिसका दयालु मुस्कान है, शहर के मशहूर शरारती दो बच्चों की देखभाल करने के लिए आती है। उसका हर दिन एक हँसी से भरी "साहसिक यात्रा" होता है, जब दोनों बच्चे लगातार शरारतें करते हैं, जिससे वह कभी कन्फ़्यूज़ तो कभी हँसी रोक न पाती है। हालाँकि यह मेहनत भरा है, लेकिन अपनी कोमलता और धैर्य के कारण, वह धीरे-धीरे उनके दिल जीत लेती है। यह कहानी दाई और शरारती बच्चों के बीच की स्नेहपूर्ण, गर्म और प्यारी भावना के बारे में है, जिसे पढ़कर कोई भी खुश हो जाता है।